नव वर्ष के पहले दिन ही किसान आंदोलन में ग़ाज़ीपुर बार्डर पर एक किसान की शहादत की ख़बर विचलित करनेवाली है। घने कोहरे व ठंड में किसान लगातार अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं लेकिन सत्ताधारी हृदयहीन बने बैठे हैं।
भाजपा जैसा सत्ता का इतना दंभ व इतनी निष्ठुरता अब तक कभी नहीं देखी गयी।