पीएम मोदी के घमंड की वजह से साल भर तक किसान सड़कों पर आंदोलन करते रहे। चुनाव करीब आने पर पीएम मोदी को अपनी गलती का अहसास हुआ और कृषि कानून वापस लिए, लेकिन इस गलती से हुए दर्द और दंश को देश का किसान कभी नहीं भूलेगा, ना ही माफ करेगा। pic.twitter.com/1WPF6NASho