यूपी में ‘टमाटर किसानों’ की लागत भी नहीं निकलना बताता है कि भाजपा सरकार खेती-किसानी की कितनी उपेक्षा करती है। दरअसल भाजपाई उत्पादन में नहीं बल्कि किसी भी चीज़ को ख़रीदने-बेचने के काम को बढ़ावा देते हैं, जिससे बीच में कमाया जा सके। भाजपा की सोच अर्थव्यवस्था हो या राजनीति सबमें… pic.twitter.com/MtucJEdNiP